मध्यप्रदेश के कूनों को आज पीएम सौंपेंगे अफ्रीका के चीतें, चंबल के ये ’मुख‍िया जी’ करेंगे इनकी रक्षा

मध्य प्रदेश के शिवपुर का कूनो पालपुर नेशनल पार्क इन दिनों चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर यानी शनिवार अपने जन्मदिन के मौके पर अफ्रीकी चीतों को देश को सौंप देंगे। जिस तरह कूनो नेशनल पार्क को सौंपे जा रहे चीते चर्चा में है उसी तरह अब दशकों तक चंबल में दहशत बनाने वाले रमेश सिंह सिकरवार भी चर्चा में आ गए हैं ।दरअसल वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कूनो को सौंपे जा रहे उन 8 चीतों की देखभाल करेंगे इनके लिए अब उन्होंने राइफल उठा ली है।

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रमेश सिंह सिकरवार बनें है चीता मित्र

अफ्रीका से 8 चीतें विशेष कार्गो विमान से मध्य प्रदेश के पूर्व पालपुर अभ्यारण शनिवार को आ जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर इन सभी चीतों को देश को गिफ्ट देंगे। इंडिया में यह जयपुर एयरपोर्ट पर उतारे जा रहे हैं।वहीं यहां से शिवपुर पहुंचाएंगे ।इन चीतों को अफ्रीका से लाया जा रहा है और पालपुर में इसे सौंपा जाएगा, लेकिन उससे पहले इस पूरे इलाके के लोगों में चीतों की सुरक्षा के लिए चीता मित्र बनने की होड़ लगी हुई है, लेकिन एक चीता मित्र का नाम सुनकर आप भी चंबल में कभी फैली दहशत और आतंक के दिनों को याद करने लगेंगे। यह पूर्व दस्यु सरदार रमेश सिंह सिकरवार हैं उन्हें चीता मित्र बनाया गया है जो कि अपने कंधे पर बंदूक रखकर इनकी हिफाजत करेंगे।

1984 में रमेश सिंह सिकरवार ने किया था सरेंडर

श्योपुर जिले की कराहल तहसील के लहरोनी गॉंव में रहने वाले रमेश सिंह सिकरवार ने साल 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया था और करीब 10 साल जेल में रहे, लेकिन अब वे हाथ में राइफल रखकर चंबल घाटी में चीता मित्र बनकर घूम रहे हैं। प्रशासन ने 72 साल के रमेश सिंह सिकरवार को चीता मित्र बनाया है और उन्होंने चीता का शिकार नहीं होने देने का संकल्प भी लिया है।

2000 से कर रहे रमेश सिंह समाज सेवा

70 के दशक में रमेश सिंह सिकरवार पूरे इलाके में अपनी छाप जमा चुके थे। यहीं कारण था कि उन्हें चीता मित्र कहते थे। रमेश सिंह सिकरवार की गैंग में 32 सदस्य थे और इन पर कई मामले चल रहे हैं। 1984 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया और 10 साल की जेल काटने के बाद 2000 में बड़ी होने के बाद से वहां गांव के लोगों और आसपास के क्षेत्र में समाज सेवा कर रहे हैं। आज उन्होंने बंदूक जरूर उठाई है, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कूनो नेशनल पार्क को शॉप पर गए चित्रों की रक्षा करेंगे।

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