इन 43 महिलाओं के फौलादी इरादों से 1 साल में बदली तस्वीर, हौंसले की ताकत से बंजर जमीन में उगा दिए पपीते, जानें कैसे

महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ती जा रही है। नारी शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भी कई तरह के प्रयास कर रही है। इसका एक और उदाहरण अब छत्तीसगढ़ के तीरथगढ़ के करीब मदनपुर गांव में देखने को मिला, जहां पर करीब 46 महिलाओं ने मिलकर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर पपीते की खेती शुरू कर दी और उन्होंने 1 साल में करीब 4000000 रुपए कमाए हैं ।महिलाओं के द्वारा इस तरह दिखाए गए साहस और हौंसले के बाद यह कहावत चरितार्थ होती है कि कहते हैं पत्थर से भी पानी निकाला जा सकता है और फिर यह तो जमीन है इससे अनाज निकालना मुनाजिब है।

google news

10 एकड़ बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ

दरअसल इस गांव में सरकारी जमीन कई दिनों से खाली पड़ी थी। ऐसे में गांव की 43 महिलाओं ने इस बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने का फैसला किया और उन्होंने इस पथरीली जमीन को अपनी मेहनत के बलबूते उपजाऊ बना दिया। इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन बस्तर और किसान कल्याण संघ ने हौंसला दिया और करीब 10 एकड़ पत्थर से भरी बंजर जमीन को इन महिलाओं ने उपजाऊ बनाकर पपीते की खेती की और आज उसी खेती से वहां अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है।

महिलाओं ने खेत से निकाले इतने ट्रक पत्थर

बता दें कि यह जगह काफी पथरी ली थी और बड़ी-बड़ी चट्टानें थी। ऐसे में कुछ दिनों तक तो काम किया, लेकिन जब उन्हें लगा कि यहां नहीं हो पाएगा तो बीच में उन्होंने काम छोड़ दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने फिर से काम शुरू किया और अपने काम पर लगी रही। फौलादी इरादों को लेकर महिलाओं ने मजबूती से काम किया और 40 से अधिक ट्रक पत्थर हाथों से चुन चुन कर निकाले। इसी तरह लाल मिट्टी यहां डाली गई।

ऐसे बनाया बंजर भूमि को उपजाऊ

महिलाओं के द्वारा जब इस जमीन को उपजाऊ बना दिया गया। इस दौरान बस्तर किसान कल्याण संघ की तरफ से उन्हें अमीना नस्ल के पपीते की खेती करने के लिए पौधे दिए गए। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से सिंचाई और तार घेराव का प्रबंध भी किया गया। इसके बाद परिणाम यह दिखा कि आज उस खेती से निकलने वाली पपीता से आज अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं और इन्हीं पपीता को अब दिल्ली और रायपुर के बाजार में बेच रहे हैं।

google news

जाने कितना कमाया मुनाफा

बता दें कि महिलाएं इस खेती में लगातार लगी हुई है और वहां जुलाई से फसल निकाल रही है। अब तक उन्होंने 4000000 रुपए कमा लिए हैं। 11 महीनों की बात करें तो इन्होंने 1—1 लाख की आमदनी कर ली है। वहीं उनका कहना है कि पपीता के बाद कुछ और लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इस जमीन को मेहनत के बलबूते आज उपजाऊ बनाया है। इसे फिर से बंजर नहीं बनने देंगे और लगातार इस जमीन पर मेहनत करते रहेंगे।