गोल्ड मेडल जीतने वाला एथलीट बना डिलीवरी बॉय, ZOMATO के लिए कर रहा खाना पार्सल, वजह जानकर हो जायेंगे इमोशनल

करने को कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। अगर व्यक्ति करना चाहे तो कुछ भी कर सकता है। कभी मजबूरी कुछ काम करवा देती है तो कभी शौक के लिए कुछ लोग ऐसा काम करते हैं जो दुनिया की नजरों में भला ही छोटा हो, लेकिन पेट पालने के लिए सब कुछ करना पड़ सकता है। इसी बीच हम आपको एक जोमैटो के डिलीवरी बॉय की स्टोरी बताएंगे जो हैरान करने के साथ ही बहुत ही इमोशनल करने वाली है। फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने हाल ही में एक स्टोरी शेयर किया है जिसे देखने के बाद हर व्यक्ति हैरान है। जिसमें आखिरकार एथलेटिक्स का स्टेट लेवल चैंपियन रह चुका खिलाड़ी जोमैटो का डिलीवरी बॉय बनकर घर-घर खाना सप्लाई कर रहा है।

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एथलेटिक्स में 4 जीतें गोल्ड मेडल

दरअसल जोमैटो कंपनी के जिस डिलीवरी बॉय की हम बात करने जा रहे हैं। वहां और कोई नहीं बल्कि एथलेटिक्स का स्टेट लेवल चैंपियन है, लेकिन आज वहां डिलीवरी बॉय का काम कर रहा है। बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले मुकेश कुमार जिनकी कहानी बहुत ही दिलचस्प होने के साथ ही इमोशनल कर देने वाली है। इन्होंने स्कूल के समय में एथलेटिक्स में 4 गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। इनके हौंसले से टीचर काफी प्रभावित हुए थे। इनका हौंसला बढ़ाया गया था कि भविष्य में जाकर आप बहुत कुछ करोगे, लेकिन समय ऐसा बदला कि आज एथलेटिक्स के चैंपियन मुकेश कुमार जोमैटो के डिलीवरी बॉय बनकर रह गए है।

400 मीटर का एथलीट है मुकेश कुमार

मुकेश ने मीडिया से अपनी जानकारी साझा करते हुए कहा की बहुत ही अच्छा खिलाड़ी और स्टेट लेवल चैंपियनशिप में उसने 4 गोल्ड मेडल अपने नाम किए है। वहां 400 मीटर का एथलीट है। मुकेश का कहना है कि उसने विशाखापट्टनम में नेशनल लेवल एथलेटिक्स में भाग लिया था, लेकिन वहां चौथा स्थान हासिल नहीं कर पाया जिसकी वजह से डिप्रेशन में चला गया। जिसके बाद उसे ऐसा लगा कि वहां कभी नहीं जीत पाएगा।

हालांकि जब मुकेश के ऊपर निराशा के बादल मंडरा रहे थे। उस समय उनके शिक्षकों ने उनका साथ देकर हौंसला बढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद मुकेश ने अपने हौंसले को उड़ान दी और फिर से ट्रेनिंग शुरू कर दी, लेकिन किस्मत ऐसी थी की महामारी अपना पैर पसार चुकी थी। सारे स्टेडियम बंद हो गए थे इसके बाद भी उन्होंने गंगा घाट जाकर प्रैक्टिस की। उनकी यहीं सोच है कि आखिरकार 1 दिन वहां जरूर कुछ ना कुछ करेंगे।

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मुकेश की बहन भी स्टेट लेवल चैंपियन

मुकेश कुमार बताते हैं कि उनके परिवार की स्थिति बहुत ही नाजुक है। उनके पिता एक किसान है लेकिन इससे उनका घर खर्च चलाना भी मुश्किल होता है। ऐसे में उसे आगे बढ़ाने के लिए पैसे नहीं है। मुकेश को किसी दोस्त ने जोमैटो कंपनी ज्वाइन करने का सुझाव दिया ।इसके बाद उन्होंने जोमैटो को ज्वाइन कर लिया और आज उससे अपने खर्च के लिए पैसे कमा लेते हैं। मुकेश का कहना है कि उनकी बहन भी एथलेटिक्स में स्टेट लेवल चैंपियन है। जब उन्हें जोमैटो कंपनी से पहली सैलरी मिली थी ।उन्होंने अपनी बहन के लिए जूते खरीदे थे। अब वहां चाहते हैं कि उनकी बहन आगे बढ़े और आगे भी खेले और नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा मैं अपने लिए भी यही चाहता हूं।