मध्यप्रदेश पुलिस को मिलेंगे न्यूजीलैंड के वायरलेस सेट, जीपीएस से मिलेगी अधिकारियों को लोकेशन, सरकार खर्च करेगी 20 करोड़ रुपए

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा पुलिस प्रणाली में कई तरह के सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में अब सरकार की तरफ से 20 करोड़ खर्च कर आधुनिक संचार सुविधा लेकर आ रही है। जिसका लाभ अब पुलिस अधिकारियों को मिलने वाला है। दरअसल न्यूजीलैंड में बने आधुनिक वायरलेस सेट जल्दी पुलिस को मिलने वाला है। 2000 वायरलेस सेट पुलिस को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह नए सेट मिलने के बाद पुलिस अधिकारी अपनी लोकेशन को झूठ नहीं बोल पाएंगे। जीपीएस से उनकी लोकेशन कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी।

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इस समय मौजूद है 900 वायरलेस सेट

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में पुलिस के पास करीब 12 साल पुराने करीब 900 वायरलेस सेट है जिसकी वजह से उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब पुलिस की सारी गतिविधियां इन्हीं सेट के माध्यम से मिलती रहेगी । 24 घंटे में कई बार टीमों की लोकेशन ही सेठ के जरिए ली जाती है जो घटनास्थल के नजदीक होते हैं। जिसके बाद उन्हें मौके पर भेज दिया जाता है ।वायरलेस सेट से हो रही परेशानी की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी ।जिसके बाद अब इन पुलिसकर्मियों को नए और आधुनिक ठेठ उपलब्ध करवाने की मंजूरी मिली है ।

न्यूजीलैंड से मंगवाएंगे 2 हजार वायरलेस

न्यूजीलैंड में बने आधुनिक वाले सेट पुलिस को उपलब्ध कराए जाएंगे। करीब 2000 वायरलेस सेट 2 महीने में पुलिस को दिए जाएंगे। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र की मानें तो नए सेट मिलने से पंचायत सुविधा अच्छी रहेगी। वहीं संदेश तुरंत मिलने से रिस्पांस टाइम में और सुधार होने की गुंजाइश भी रहेगी ।गश्त के दौरान कई बार अधिकारी व कर्मचारी गलत लोकेशन दे देते हैं। नए सेट में जीपीएस की सुविधा रहेगी जिससे इनकी लोकेशन कंट्रोल रूम के पास रहेगी। कमिश्नरेट में 4 जोन है और चारों की संचार लाइन अलग.अलग होती है। वरिष्ठ अफसरों के लिए रेडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा भी रहेगी। वहीं बैटरी बैकअप अच्छा है ।आकार में छोटे वालों के हैं वाले सेठ पर कॉलिंग की सुविधा भी मिलेगी।

बता दें कि इंदौर के लसूडिया इलाके में पुलिस क्यूआर कोड की व्यवस्था उपलब्ध करवाएगी ।करीब 50 स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे ।बीट के अधिकारी कर्मचारी को क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। उनकी लोकेशन आ जाएगी पुलिस की मदद की जरूरत है तो क्यूआर कोड स्कैन करने पर वहां तैनात पुलिसकर्मी नाम नंबर मिल जाएगा।

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