मध्यप्रदेश के इंदौर में अब कचरे से बनेगी बिजली, 60 करोड़ रुपए में तैयार हो रहा पावर प्लांट, 11 मेगावाट क्षमता की बिजली करेगा उत्पन्न

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब कचरे से बिजली बनाई जाएगी। बता दें कि इंदौर शहर भर से रोजाना बड़ी मात्रा में कचरा निकलता है। ऐसे में अब कचरे से एक तरफ जहां बायोगैस बनाई जा रही है। वहीं इसी कचरे से अब बिजली भी तैयार की जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 600000000 में तैयार होने वाले पावर प्लांट के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। नगर निगम द्वारा अभी भी कचरे से खाद व बायो सीएनजी बनाई जा रही है। अब कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र स्थापित करने की कवायद शुरू हो चुकी है।

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60 करोड़ रूपए में तैयार होगा पावर प्लांट

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में रोजाना बड़ी मात्रा में कचरा निकलता है। इस कचरे को नगर निगम के द्वारा बेस्ट ना करते हुए बायो सीएनजी गैस के साथ ही खाद भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा अब 600000000 में तैयार होने वाले पावर प्लांट के लिए प्रोजेक्ट भी बना लिया गया है। इसके माध्यम से अब कचरे से बिजली भी बनाई जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा वेस्ट एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए दी जा रही राशि को ध्यान में रखते हुए यह कार्य योजना तैयार की है। नगर निगम के ट्रेचिंग ग्राउंड पर करीब 16 एकड़ जमीन पर बिजली बनाने के ऐप्स यंत्र को तैयार कर लिया गया है।

11 मेगावाट क्षमता की बिजली होगी उत्पन्न

इंदौर नगर निगम के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि बिजली बनाने के इस प्लांट की प्रस्तावित लागत 60.80 करोड़ रुपए है। इंदौर में वर्तमान में सूखे कचरे का संग्रहण करने वाली एजेंसी रोजाना 200 टन सूखा कचरा सीमेंट फैक्ट्रियों को देती है। वहीं यह कचरा इन जगहों पर ईंधन के रूप में काम लिया जाता है। इसी कचरे का उपयोग कर बिजली भी बनाई जाएगी। 11 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन केंद्र तैयार करने का प्रस्ताव भेज दिया गया है ।नगर निगम अधिकारियों की मानें तो इसकी प्रस्तावित लागत 60.80 करोड़ रुपए हैं।

मध्यप्रदेश में एक समय ऐसा आया था जब कोयले की कमी की वजह से प्रदेश के कई इलाके अंधेरे में डूब गए थे, लेकिन सरकार की तरफ से कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई ट्रेनों की रेट कोयले धोने में लगा दी थी। हालांकि अब कोयले की आपूर्ति हो चुकी है। ऐसे में अब आगामी समय में ऐसी कोई समस्या ना आए इसके लिए सौर ऊर्जा के साथ ही अब कचरे से भी बिजली बनाने का काम चल रहा है ।इंदौर नगर निगम के द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पावर प्लांट लगाया जा रहा है, जहां पर शहर से निकलने वाले सूखे कचरे से अब बिजली बनाई जाएगी ।

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रोज 510 गीले कचरे से बनाई जा रही सीएनजी

ट्रेंचिंग ग्राउंड में रोजाना 12100 किलो बायो सीएनजी तैयार की जा रही है। इंदौर में भी रोज 510 गीले कचरे से सीएनजी बनाई जा रही है। ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित प्लांट में प्रतिदिन 1200 किलो बायो सीएनजी तैयार कर रहे हैं। इसी तरह 300 यंत्रों में कचरे से रोज 100 टन खाद भी तैयार हो रही है। शहर में सीवरेज से बिजली बनाने का भी काम चल रहा है, लेकिन यह कागजों पर ही सीमित रह गया है। 2020 में संभायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने कबीर खेड़ी के ट्रीटमेंट प्लांट रोज 19000 किलो वाट बिजली तैयार करने की संभावना जताई थी।