अब भारत को मिली सस्ते तेल की खदान, इस जगह से आ रही यूराल क्रूड ऑयल की खेप

इस साल रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध की वजह से कई देशों के हालात खराब हो गए थे। यूं कहे कि दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई थी। वहीं भारत में भी कच्चा तेल महंगा हो गया था। पेट्रोल डीजल महंगा होने की वजह से भारत की आम जनता काफी परेशान थी, लेकिन कुछ दिनों पहले मोदी सरकार की तरफ से पेट्रोल—डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई। जिसकी वजह से आम जनता ने राहत की सांस ली है, लेकिन अब भारत को युद्ध के बीच क्रूड आयल का एक नया साझेदार मिल चुका है। जिससे भारत अपनी जरूरत का मात्र 4 प्रतिशत क्रूड ही रूस से आयात करता है, लेकिन बदलते हालातों में रुसी तेल की सबसे बड़ी खेप भारत और चीन की ओर आ रही है जिसकी वजह से भारत को अब यूराल क्रूड पर 40 डालर तक की छूट मिल रही है।

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भारत बना सबसे बड़ा खरीददार

बता दें कि भारत रूसी यूराल क्रूड ऑयल सबसे ज्यादा खरीदने के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया है। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध की वजह से यूरोपीय देश रूस से व्यापारिक सौदे नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से रूस का यूराल क्रूड ऑयल काफी नीचे पहुंच चुका है। जिससे कि भारत को अब यह ऑयल 40 डॉलर तक की छूट में मिल रहा है।

जानिए अप्रैल में कितना हुआ कच्चे तेल का निर्यात

अगर हम अप्रैल माह की बात करें तो भारत में कच्चे तेल का निर्यात 627000 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का निर्यात हुआ है। वहीं मार्च में 274000 बैरल कच्चे तेल का निर्यात रूस की तरफ से भारत में किया गया है, लेकिन अगर बात फरवरी की करें तो यह शून्य पर था।

एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार रूसी तेल की एक रिकॉर्ड मात्रा बोर्ड टैंकरों पर है। जिसके अनुसार रूस का करीब 74 मिलियन और 17 मिलियन बैरल तेल इस समय समुद्र के रास्ते में हैं जो यूक्रेन पर फरवरी में हुए आक्रमण से ठीक पहले 57 मिलियन बैरल के मुकाबले 2 गुना अधिक है और मई के अंत में यह बढ़ना तय माना जा रहा है।

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