भारत के ऐसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां चूरमा लड्डू नहीं बल्कि बिरयानी और चिकन का चढ़ता है प्रसाद

भारत धर्म प्रधान देश है और यहां पर कई प्रसिद्ध मंदिर हैं तो कई चमत्कारी मंदिर भी हैं ।जिनमें लोग अपनी मुराद लेकर पहुंचते हैं। इसी बीच भारत में कई तरह के मंदिर होते हैं और कई समाज के लोग भी रहते हैं जो भगवान में आस्था रखकर उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं। अभी तक आपने प्रसाद में भगवान को लड्डू और चूरमा या फिर नारियल का प्रसाद चढ़ाते सुना है, लेकिन क्या कभी आपने ऐसे मंदिरों के बारे में जानने की कोशिश की है, जहां पर प्रसाद में मीट मांस चढ़ता भी है और बंटता भी है। अगर नहीं सुना है तो हम आपको भारत के अलग-अलग राज्यों के ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां पर प्रसाद के रूप में मीट और मटन चढ़ता है।

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तमिलनाडु के मुनियांदी स्वामी मंदिर

दरअसल भारत में 29 राज्य बसे हैं और इन राज्यों में सभी तरह के लोग रहते हैं। इनमें भगवान के प्रति अलग तरह की आस्था होती है। भगवान भाव का भूखा होता है और भक्त भगवान के आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाते हैं। भगवान हर व्यक्ति की मनोकामना को पूर्ण करते हैं ।ऐसे में अब हम आपको ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर चिकन और मटन के साथ ही बिरयानी भगवान को चढ़ाने के साथ ही प्रसाद के रूप में बांटी जाती है। दरअसल सबसे पहले हम बात कर लेते हैं तमिलनाडु के मुनियांदी स्वामी मंदिर की, जहां पर चिकन और मटन बिरयानी का प्रसाद लोगों को बांटा जाता है।

ओडिशा में स्थित विमला देवी मंदिर

इसी तरह एक और मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित विमला देवी मंदिर है, जहां पर बड़ी संख्या में भक्त माता के आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। माता की आरती भी धूमधाम से की जाती है, लेकिन इस मंदिर में भक्तों को लड्डू और चूरमा का प्रसाद नहीं बल्कि मटन और मछली से बना प्रसाद बांटा जाता है। हालांकि इसके पीछे की वजह क्या है हम नहीं जानते, लेकिन इस खबर को हमने जनसत्ता न्यूज़ पोर्टल से उठाई है इसके माध्यम से हम हमारे दर्शकों को इसके बारे में बता रहे हैं।

गोरखपुर का तरकुलहा देवी मंदिर

भारत के सबसे बड़े राज्यों में एक उत्तर प्रदेश इस राज्य में इस समय योगी सरकार हैं, लेकिन हम गोरखपुर में स्थित तरकुलहा देवी मंदिर के बारे में बता रहे हैं। इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और यहां पर माता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इस मंदिर में प्रसाद के रूप में बकरे का मांस बांटा जाता है। हालांकि अभी तक यह नहीं पता है आखिर यहां पर किस तरह की आस्था और विश्वास लोगों में छिपी है, लेकिन जिस तरीके से यहां पर बकरे का मांस बांटा जाता है यहां पर बड़ी संख्या में लाइन में लगकर भक्त प्रसादी ग्रहण करते हैं।

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इन मंदिरों में चढ़ता है मीट

केरल के परासी निक करबू मंदिर स्थित है। इस मंदिर में मछली और ताड़ी चढ़ाया जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल के मशहूर कालीघाट मंदिर में बकरे का मांस चढ़ाया जाता है। असम के कामाख्या देवी मंदिर में मछली और मीट का भोग भी लगाया जाता है। बंगाल के तारापीठ मंदिर में मछली और मीट प्रसाद के तौर पर भक्तों को बांटा जाता है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के ही दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मछली का प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाने के साथ ही भक्तों को बांटा जाता है।