मध्यप्रदेश की जिस बेटी को कोविड ने बनाया अनाथ, 12वीं में उसी ने 78 प्रतिशत बनाकर सफलता की हासिल, छोटे भाई-बहनों की माता-पिता बनकर करती थी परवरिश

अगर किसी इंसान में इसी काम को करने की काबिलियत तो उसकी राह में जितनी भी मुश्किलें क्यों ना आ जाए वहां पीछे नहीं मुड़ता देखता है। मध्य प्रदेश के एक बेटी अनुष्का जिनके माता-पिता को कोविड-19 छीन लिया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सफलता को हासिल करने के लिए अपने पैर पीछे नहीं हटाए और चार कदम आगे बढ़ती गई। हालांकि इस दौरान सफलता हासिल करने में उनके बीच कई तरह की समस्याएं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल 12वीं की परीक्षा में 78 परसेंट बनाकर 78% बनाए हैं, जबकि इस दौरान उन्होंने अपने दो छोटे भाई और बहनों की देखभाल भी की है और अब वहां सीए बनने की ख्वाहिश रखती है।

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12वीं परीक्षा में 78 परसेंट लाकर हासिल की सफलता

दरअसल हम बात कर रहे हैं अनुष्का की जोकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 320 किलोमीटर की दूरी पर खरगोन के गोगावां में रहता था, लेकिन इन 5 लोगों के हंसते खेलते परिवार पर कॉविड का ऐसा ग्रहण लगा एक पल में हंसते खेलते परिवार को बिखेर दिया। अपने माता-पिता को खोने वाली अनुष्का ने इसके बावजूद भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और अपने दो छोटे भाई बहनों का ख्याल भी रखा। उन्होंने मितुष्का और चार वर्षीय अक्षय के लिए एक मां और पिता दोनों कि तेरा ध्यान रखा और अपने लक्ष्य को सादे हुए आगे बढ़ती रहे। अनुष्का ने आप माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 78% लाकर अपने परिवार के साथ जिले का नाम रोशन किया है इतने संघर्ष के बावजूद भी अनुष्का के पेड़ डगमगाए नहीं और आगे बढ़ती रही है।

सीए बनना चाहती है अनुष्का

अनुष्का का कहना है कि माता-पिता को खोने के बाद 24 दिनों के अंदर ही जब हम तीनो भाई बहनों ने अपने माता पिता को खो दिया तब मैंने अपने दोनों भाई-बहनों का ख्याल माता पिता के रूप में किया है। हर बार जब मैं अपने भाई बहन को देखती हूं मुझे एहसास होता है कि हम पर यह कैसी दुविधा आ गई। मैंने पूरी कोशिश की लेकिन फिर भी मैं अपने माता-पिता की जगह नहीं ले पाई, लेकिन फिर भी मैं अपने भाई बहनों का ख्याल रखती थी और आज मैंने 12वीं की परीक्षा में सफलता हासिल की और आगे सीए बनने की ख्वाहिश रखती हूँ।

गौरतलब है कि अनुष्का के पिता अमित मधुसूदन सत्या एक पत्रकार थे और उनकी माता संगीता सत्य गृहिणी थी। उनका हंसता खेलता परिवार था लेकिन कोविड-19 कहर बरपाया फिर 4 अप्रैल को अमित ने कोविड-19 की चपेट में आकर दम तोड़ दिया। वहीं उनकी पत्नी संगीता का भी कुछ दिनों बाद निधन हो गया था। 5 लोगों का परिवार था लेकिन एक झटके में ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। कोविड-19 ने ऐसा कहर ढाया की तीन मासूम बच्चों को अनाथ बना गया, लेकिन इनमें अनुष्का थोड़ी समझदार थी और उन्होंने अपने छोटे भाई बहनों की परवरिश माता पिता के रूप में की है।

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समाज के गलत इल्जाम से परेशान थी अनुष्का

अपने माता-पिता को खोने वाली अनुष्का पर समाज के कुछ लोगों ने कई गलत इल्जाम लगाए, लेकिन इसके बावजूद भी अनुष्का के पैर डगमगाए नहीं और अपने लक्ष्य को सादे हमेशा आगे बढ़ती गई। अनुष्का हर चीजों को बदलने और आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सामाजिक दबाव और सेक्सिस्ट बातों का भी सामना करना पढ़ा था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने सामाजिक आलोचनाओं से दूर रहकर आज अपने इस मुकाम को हासिल किया है। हालांकि उनके घर में उनकी दादी भी थी जिनका समर्थन अनुष्का को मिला उन्होंने अनुष्का की मदद सभी समस्याओं से लड़ने में की और दादी की हिम्मत के बाद अनुष्का आगे बढ़ती गई और अपने छोटे भाई बहनों की देखभाल करती थी।

माता पिता के सपने को पूरा करना चाहती थी अनुष्का

बता दें कि अनुष्का अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करना चाहती थी ।इसीलिए वहां लगातार मेहनत करती और आगे बढ़ना चाहती थी। उनके माता पिता का सपना था कि उनकी बेटी बैंक ऑफिसर बने वही उनकी मां के सपने को पूरा करने के लिए वहां ग्रेजुएशन भी करना चाहती थी, लेकिन अनुष्का के लिए अपने माता पिता का सपना पूरा करना आसान नहीं लेकिन 12वीं में 78 परसेंट लाकर एक बार फिर उनकी उम्मीद जागी और अब ऐसा लग रहा है कि वह अपने माता पिता के सपने को जरूर पूरा करने में सफल रहेगी।

बहरहाल अनुष्का ने 12वीं में 78 परसेंट बनाए हैं। ऐसे में अब उनकी उम्मीद जाग गई है और वहां आगे जाकर सीए बनना चाहती है। इसके लिए और भी कड़ी मेहनत करेगी और अपने माता-पिता के जो अधूरे सपने हैं उसे एक दिन जरूर साकार करने में कामयाब होगी।