इन छात्रों ने किया गजब का आविष्कार, बैलों का बोझ कम करने के लिए लगाया ऐसा जुगाड़, देखें तस्वीरें

आधुनिक दौर में भारत में कई तरह के आविष्कार हो रहे हैं और इन अविष्कारों के पीछे युवा वर्ग शामिल है,जोकि अपनी प्रतिभा और काबिलियत के बलबूते कई तरह के आविष्कार कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको भारत में किए गए एक ऐसे अविष्कार के बारे में बता रहे हैं जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल एक समय था जब बैलगाड़ी का सहारा अनाज मंडियों तक पहुंचाने में लिया जाता था, लेकिन आज टेक्निकल चीजों या यूं कहे कि मशीनों ने अपने कंधे पर इसका काम ले लिया है।

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आज कोई भी काम मशीनों के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन 21वीं सदी के दौर में आज जो अविष्कार हुआ है उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल पश्चिम महाराष्ट्र में बेंदूर उत्सव मनाया जाता है। ऐसे में राजारामबापू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के कुछ छात्रों ने उन बैलों की गर्दन के बोझ को कम कर दिया है जो कभी खेतों में अपने कंधों पर बोझ उठाया करते हैं।

12 महीनें बेल उठाते है बोझ

दरअसल 12 महीने तक कृषि क्षेत्र में काम करते हैं और गन्ना परिवहन करते समय भारी बोझ बेल उठाते हैं। सोशल मीडिया पर छात्रों के इस अविष्कार की सराहना हो रही है, लेकिन सबसे पहले हम आपको उस नए अविष्कार के बारे में बता देते हैं जिससे बेलों के कंधों से बोझ कम हो गया है और अब उन्हें वजन धोने में काफी मदद मिल रही है।

इन छात्रों ने किया अनोखा अविष्कार

एक रिपोर्ट के अनुसार इस्लामपुर के आरआईटी के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे सौरभ भोंसले, आकाश कदम, निखिल की फाइलें ,आकाश गायकवाड और ओमकार मिरज करने एक सारथी प्रोजेक्ट के तहत कमाल कर दिया है। इन छात्रों ने गन्ना बैलगाड़ी के लिए रोलिंग सपोर्ट बनाया है। जिसके माध्यम से गन्ने का वजन धोने वाले पेड़ों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा और उन्हें वजन खींचने में काफी मदद मिलेगी। इस अविष्कार के लिए छात्रों ने दो बैलों के बीच एक तीसरा पहिया लगाया है। जोबेलो पर भार को कम करने के साथ ही बैलगाड़ी को पूरी तरह से संतुलित भी रखता है। इतना ही नहीं यह रोलिंग सपोर्ट बैलों की ऊंचाई के हिसाब से ऊपर और नीचे भी किया जा सकता है।

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आईएस अधिकारी ने किया शेयर

छात्रों के द्वारा बनाए गए इस रोलिंग की खास बात यह है कि यह गन्ने की भराई और उसे लाने ले जाने के दौरान भी सपोर्ट को एडजस्ट करता है। बेल गाड़ी चालक किसान और मिल के लोग इसकी काफी सराहना अभी कर रहे हैं। यह तस्वीर आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने शेयर की है। उन्होंने लिखा.. बेलों का लोड कम करने के लिए बैलगाड़ी का पर रेलिंग सपोर्ट लगाया गया है। अभी तक इस वीडियो को 14 हजार से अधिक लोगों के द्वारा देखा जा चुका है। वहीं 1500 से अधिक बार शेयर भी किया जा सकता है।