UK से ली BBA डिग्री फिर इजराइल जाकर सीखी फार्मिंग, अब भोपाल आकर इस विदेशी फल की कर रहे खेती, जानिए संघर्ष

भारत में इस समय कई युवा पढ़—लिखकर या तो नौकरी कर रहे हैं या फिर खेती को लाभ का धंधा बना रहे है। ऐसे में मध्य प्रदेश के युवाओं में टैलेंट की कमी नहीं है। इसी तरह 26 साल के एक युवा की कहानी हम बताने जा रहे हैं, जिन्होंने लंदन से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की उसके लिए उन्हें कई बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों रुपए के पैकेज ऑफर किए, लेकिन उन्होंने अपने देश लौटकर खेती करने का निर्णय लिया और आज उसी खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं।

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26 के हर्षित ने एवोकाडो के पौधे उगाए

मध्यप्रदेश के भोपाल में रहने वाले हर्षित गोदा जिनकी उम्र 26 साल है। 2013 में बीबीए की पढ़ाई के लिए वहां यूके गए थे। इसके बाद 2016 में उन्होंने यूके के बाथ शहर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ से बिजनेस एडमिशन की पढ़ाई शुरू की ।इसके बाद उन्हें कई बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों रुपए का पैकेज मिला, लेकिन इन ऑफर को उन्होंने एक्सेप्ट नहीं किया और अपने वतन लौट कर खेती करने का फैसला किया। इसके बाद अपनी पढ़ाई पूरी खत्म करने के बाद हर्षित इजरायल पहुंच गए। यहां पर उन्होंने एवोकाडो उगाना सीखा और अपने पांच एकड़ खेत में तकरीबन 1800 एवोकाडो के पौधे उगाए है।

इजरायल में खेती करने की ली ट्रेनिंग

हर्षित का कहना है कि 1 दिन उनकी नजर इस फूड के पैकेट पर पड़ी ।जिस पर लिखा था कि यह फ्रूट इजरायल से इंपोर्टेड है तब इसके बारे में उनकी जानने की इच्छा हुई। बता दें कि इसकी खेती गर्म जगह पर होती है। ऐसे में उन्होंने इंडिया में इसकी खेती करने का मन बनाया। हर्षित ने बताया जब वहां यूके में पढ़ रहे थे उसी वक्त सोचा कि कुछ अपना करना चाहिए। ऐसे में उनके मन में खेती करने का प्लान आया। उस वक्त लंदन में उन्होंने इंटर्नशिप की और इजरायल गए। वहां पर किसानों से बात की और उनकी पूरी फार्मिंग प्रोसेस को समझा। इसके बाद भारत में आकर इसकी खेती की शुरुआत की है।

2019 में हर्षित ने शुरू की इसकी खेती

इसके बाद हर्षित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल आ गए और उन्होंने 2019 में इस फ्रूट की खेती शुरू की, लेकिन इस बीच महामारी आ गई और जुलाई 2021 में उन्होंने इजरायल से एवोकाडो के पौधे इंपोर्ट किए। अब यह पौधे नर्सरी में है वहां इन पौधों को अक्टूबर में नर्सरी से जमीन में लगाएंगे। इसके लिए तैयार होने में 3 से 4 साल का वक्त लगता है। उसकी फार्मिंग करना थोड़ा कॉस्टली है। उनका कहना है कि एक पेड़ की कीमत 3000 रुपये हैं। 1 एकड़ में 170 पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं करीब 5 एकड़ में नर्सरी से पौधे लगाने जा रहे हैं। इसकी फार्मिंग के लिए ड्रिप इरिगेशन का उपयोग किया जाता है।

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इसकी खेती के लिए 5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 43 डिग्री सेल्सियस के बीच टेंपरेचर में इसकी खेती होती है। वहीं मुंबई दिल्ली जैसे मेट्रोपॉलिटन सिटी में 172 बाजार है। पंजाब, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्य और नागालैंड में इसके प्लांट की प्री बुकिंग हो चुकी है। हर्षित बताते हैं कि अभी कम संख्या में ही वह बुकिंग कर ले ताकि पता चल सके कि किस इलाके में स्थिति फार्मिंग है।