Indian Railway IRCTC क्‍यों नहीं देता सीट सेलेक्‍ट करने की अनुमति, ये है इसके पीछे की बड़ी वजह

ट्रेन में हर दिन बड़ी संख्या में लोग सफर करते हैं ।इनकी सुविधाओं के लिए भारतीय रेलवे समय समय पर कई नई नई सुविधाओं को लेकर उन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास करता रहता है। यात्रियों को सफर के दौरान किसी भी तरह की समस्या ना आए इसके लिए कई तरह के सुधार करता है। ऐसे में यात्रा से जुड़ी एक जरूरी जानकारी आपको बता दें कि आईआरसीटीसी कभी भी सीट चयन का विकल्प नहीं देती है। जबकि जब भी हम सिनेमाघर या फिर बस में जाते हैं तो हमें सीट चयन का विकल्प मिलता है, लेकिन आईआरसीटीसी ऐसा क्यों नहीं करती है इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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इस तहर से मिलती है ट्रेन में सीट

दरअसल जब भी आप ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको आईआरसीटीसी के द्वारा कभी भी सीट चयन का विकल्प नहीं मिलता है, लेकिन जब भी आप सिनेमाघर या बस में जाते हैं तो आपको सीट चयन का विकल्प मिलता है, लेकिन ट्रेनों में सीट सेलेक्ट करने का विकल्प अलग होता है। इसके पीछे की वजह कुछ खास है। दरअसल मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट की माने तो हॉल और ट्रेन में सीट सिलेक्शन के पीछे का कारण विज्ञान में छिपा हुआ है। बताया जाता है कि सिनेमा हॉल एक जगह स्थिर होता है। वहीं ट्रेन एक जगह से दूसरी जगह पर जाती है। इसलिए आईआरसीटीसी एल्गोरिथ्म ऑटोमेटिक रूप से चलती ट्रेन में सीट समान रूप से आवंटित करता है।

जानें किस तरह टिकट बुक करता है आईआरसीटीसी

सिनेमा घर में अगर आप फिल्म देखने जाते हैं तो आप खुद अपने टिकट का सिलेक्शन कर सकते हैं। इतना ही नहीं बस में जब भी आप सफर करते हैं तो खुद टीकट बुक करते है, लेकिन स्लीपर कोच t1 T2 t3 t10 हैं। वहीं हर ट्रेन के कोच में 72—72 सीटें पाई जाती है। अगर कोई व्यक्ति पहली बार टिकट बुक करता है तो सॉफ्टवेयर उसे ट्रेन के बीच वाले डिब्बे में सीट बुक कराएगा। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि बाहर और ट्रेन के समानता बनी रहे। आईआरसीटीसी पहले लोअर बर्थ बुक करेगी ताकि गुरुत्वाकर्षण का केंद्र कम रहे।

सॉफ्टवेयर कैसे बुक करता है टिकट

बता दें कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से टिकट बुक की जाती है। जिसे इस तरह से सेट किया जाता है कि सभी डिब्बों में समान रूप से सीट बुकिंग की संख्या रहे ट्रेनों की सीट का आवंटन बीच के सीटों से शुरू किया जाता है। यह फोन स्विच ऑफ हो जाता है जो कोर्ट के दरवाजे के पास होती है। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि अगर सीटों का सिलेक्शन पहले एक कोच और उसके बाद दूसरे कोच में किया जाए तो इस स्थिति में ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना बढ़ जाती है ।इसलिए रेलवे बुकिंग की प्रक्रिया को विज्ञान के हिसाब से बुक किया जाता है।

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