लता मंगेशकर का इस स्वच्छ शहर से गहरा नाता, इस गली में बीता था बचपन, जाने ये खास बातें

स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 94 साल की उम्र में मुंबई के हॉस्पिटल में 6 फरवरी को निधन हो गया। लता मंगेशकर के निधन के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री से लेकर बड़े दिग्गजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। दरअसल लता मंगेशकर का कई दिनों से कोरोना का इलाज चल रहा था। 5 फरवरी को अचानक तबीयत खराब होने की वजह से वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों ने काफी मंगेशकर को बचाने का प्रयास किया आखिरकार वहां कोरोना की जंग हार गई।

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इंदौर की गलियों में बीता लता मंगेशकर का बच्चन

बता दें कि लता मंगेशकर का आर्थिक राजधानी इंदौर से गहरा नाता था। लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के सिख मोहल्ले में 28 सितंबर 1929 को हुआ था। बता दें कि लता मंगेशकर ने यहीं अपना बचपन बिताया था। लता मंगेशकर इंदौर की गलियों में खेला करती थी। धीरे-धीरे संगीत दुनिया की वह शख्सियत बन गई थी जिसे आज भी स्वर कोकिला के नाम से जानते है।

कपड़े के शोरूम में लगी है लता की तस्वीर

दरअसल लता मंगेशकर का जन्म सिख मोहल्ले में हुआ था। मंगेशकर का जन्म जिस गली में हुआ था उस जगह पर आज भी उनके कपड़े का शोरूम है,जहां उसके अंदर एक बड़ी तस्वीर लगी हुई है। बता दें कि लता मंगेशकर के निधन के बाद इंदौर के शहरवासियों में भी शौक की लहर है। वहीं बीते दिनों उनके स्वास्थ्य को लेकर भी खजराना गणेश मंदिर में महामृत्युजंय का जाप किया गया था, लेकिन उसके बाद भी वहां आज हमारे बीच नहीं है।

13 साल की उम्र से की करियर की शुरूआत

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई भाषाओं में 30 हतार से ज्यादा गाने अपने करियर में गाये है। लता मंगेशकर को सुर साम्राज्ञी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही उन्हें भारत रत्न से भी नावाजा जा चुका है। वहीं उन्हें पद्म भूषण, और पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के आवार्ड भी मिल चुका है।

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