सोयाबीन की बोवनी से पहले किसानों को झटका, सुपर फास्फेट खाद की कीमत में भारी बढ़ोतरी, जानिए नया रेट

मध्यप्रदेश में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच अब किसानों को भी महंगाई का डबल झटका लगा है। दरअसल अब कुछ दिनों में खरीफ की फसल की बोवनी शुरू की जाएगी। ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों को बड़ा झटका लगा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंगल सुपर फास्फेट का जो विक्रय मूल्य तय किया गया है उसमें दाम करीब 150 रुपए बढ़ गए हैं। किसान इन दिनों बोवनी की तैयारी में लगे हैं। ऐसे में खेत भी तैयार हो चुके हैं और इसी बीच सुपर फास्फेट खाद के दाम बढ़ गए हैं जिसकी वजह से अन्नदाता काफी परेशान नजर आ रहे हैं।

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150 रुपये खाद की बोरी में बढ़ोतरी

दरअसल एक तरफ मध्यप्रदेश में लगातार महंगाई से हाल बेहाल है ।वहीं दूसरी तरफ अब खाद के दाम भी बढ़ गए हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में उर्वरक समन्वयक समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें खाद के दाम तय करने पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें सिंगल सुपर फास्फेट की नई दरें तय कर दी गई है। इसमें अब किसानों को 50 किलो की एक खाद की बोरी 425 रुपये में मिलेगी। बता दें कि हर साल की तुलना में इस बार खाद की कीमत 151 रुपये बढ़ा दी गई है।

इस खाद की बोरी में भी भारी बढ़ोतरी

मध्यप्रदेश में कई जगह खरीफ की फसल को लेकर खेत तैयार हो गया है। वहीं अब बारिश के इंतजार में किसान बैठे हुए हैं जैसे ही पहली बारिश होगी किसान बोवनी शुरू कर देंगे, लेकिन इससे पहले किसानों को एक और झटका लगा है। उर्वरक समन्वय समिति की बैठक में सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर की बोरी की कीमत बढ़ा दी गई है। पहले इस खाद की कीमत 274 रुपये प्रति बोरी थी, लेकिन इसे अब बढ़ाकर 225 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा दानेदार खाद की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। पहले यह खाद 304 रुपये में मिलता था, लेकिन अब 465 रुपये में मिलेगा। इस खाद की कीमत में 161 रुपए की बढ़ोतरी की है।

इसके साथ ही इस बैठक में किसानों को राहत भी मिली है। जानकारी के अनुसार बैठक में तय किया गया है कि जिन सहकारी समितियों के पास पहले से ही खाद उपलब्ध है वहां पुराने दाम में ही खाद को बेचेंगे, लेकिन जिन लोगों के पास में स्टॉक नहीं है। वहां बढ़े हुए दाम में खाद बेचेंगे। अगर साल 2022 की बात करें तो 1 अप्रैल से 7 जून तक मध्यप्रदेश में 83000 टन खाद बेचा जा चुका है। पिछले साल की तुलना में इस साल 18000 टन की कमी देखी गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो अभी 439000 टन एसएसपी उपलब्ध है। वहीं यूरिया खाद का भंडार भी 4.50 टन अधिक है।

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