मध्यप्रदेश के इस जिले में है सफेद पलाश का पेड़, कृषि मंत्री कमल पटेल ने निरीक्षण कर दिए ये बड़े निर्देश

मध्यप्रदेश में कई पेड़ और फल फूल रहे है जिनकी मान्यता कई तरह की होती है। इसी में से एक सफेद पलाश का पेड़ जो काफी दुर्लभ होता है। धीरे-धीरे अब इनके संरक्षण नहीं होने की वजह से सफेद पलाश का पेड़ खत्म होने की कगार पर आ गए है। इस पेड़ की बहुत मान्यता है। मान्यताओं के अनुसार सफेद पलाश के पेड़ पर लगने वाले फूल और पेड़ छाल भगवान भोलेनाथ को काफी प्रिय है। भगवान भोलेनाथ का फूल और साल से सिंगार किया जाता है। वहीं साधु संत भी इस फूल और पत्तों का महाकाल के अभिषेक में इस्तेमाल करते है। इन पेड़ के संरक्षण के लिए अब मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बीड़ा उठाया है।

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कृषि मंत्री कमल पटेल ने दिए ये निर्देश

दरअसल मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल शाजापुर जिले के गांव पहुंचे। इस दौरान उन्हें सफेद पलाश का पेड़ नजर आया तो वहां उसके पास जाकर दर्शन करने लगे। वहीं इस दौरान मौजूद ग्रामीणों ने जब सफेद पलाश के पेड़ के बारे में बताया तो वहां खुद भी हैरान रह गए। इस दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने फैसला लेते हुए पेड़ को संरक्षित के लिए कार्य योजना बनाने के लिए निर्देश दे दिए है।

बता दें कि सफेद पलाश का पेड़ बहुत ही अद्भुत और अलौकिक होता है ।यहां कई जड़ी बूटियों में काम आता है इसके साथ ही मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को भी सफेद पलाश का पेड़ और उसके फूल काफी प्रिय थे। साधु संत भी भगवान भोलेनाथ का सिंगार सफेद पलाश के फूल से करते हैं अभी सी बीच कृषि मंत्री ने इस पेड़ को संरक्षित करने के निर्देश दे दिए हैं।

हिंदू धर्म में पलाश के फूल पवित्र वृक्षों की श्रेणी में माना जाता है। वैसे तो आपको कहीं भी पलाश के पेड़ पर टेशू के फूल देखने को मिल जाएंगे, लेकिन सतना जिले में यह दुर्लभ पलाश का पेड़ है जिसमें टेशू का फूल खिलता है। इस फूल को देखने के लिए दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं और अपने साथ फूल को लेकर भी जाते हैं। मान्यता है कि इस फूल को अपने पास रखने से कोई भी बीमारी नहीं होने के साथ धन लाभ भी होता है।

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