भोपाल की इस बहू ने हताश होकर खोया कॉन्फिडेंस, बेटे की इस बात का चला ऐसा जादू आज मिसेज यूनिवर्स की रेस में अमृता
इस दुनिया में कई तरह के इंसान होते हैं जिनके पास हौंसले काबिलियत और प्रतिभा की कमी नहीं होती है। कई लोग सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए काफी मेहनत करते हैं। इसके बाद उन्हें सफलता जरूर मिलती है। आज हम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की 33 साल की अमृता त्रिपाठी की कहानी बताने जा रहे हैं जो कि अब मिसेज यूनिवर्स की रेस में लगी हुई है। अमृता अब उस रेस में लगी है जिसे पूरा करने में मेहनत काफी लगेगी। ऐसे में अब अमृता अपने सपने को साकार करेंगी। दरअसल उन्होंने कुछ साल पहले हताश होकर अपना कॉन्फिडेंस खो दिया था। यहां तक कि उनका बेटा भी उनकी पहचान को लेकर कई तरह के सवाल कर रहा था, लेकिन बेटे की बात अमृता के दिल को छू गई और उन्होंने कुछ ऐसा किया कि आज वहां मिसेज इंडिया की रेस में लगी हुई है।
नया इतिहास रचने को तैयार अमृता
दरअसल राजधानी भोपाल की बहू ने पहले हाउसवाइफ से मिसेज इंडिया बनने का सफर पूरा किया और अब वहां वर्ल्ड में भारत को मिसेज यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में रिप्रेजेंट करेंगी। बता दें कि कभी अमृता घर तक सीमित रहती थी, लेकिन आज वहां वर्ल्ड में भारत को मिसेज यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में रिप्रेजेंट कर एक नया इतिहास लिखने को तैयार है। इस बारे में खुद अमृता ने अपने इस संघर्ष की कहानी अपनी जुबान से बयां की है।
2009 में कॉलेज में किया फाइनल ईयर
अमृता का कहना है कि 2009 में कॉलेज का फाइनल ईयर कंप्लीट किया ।इसके बाद घर वालों ने उनकी शादी कर दी ।उन्होंने फिजियोथैरेपी में ग्रेजुएशन किया था इसके बाद थैरेपिस्ट बनने का सपना था। पढ़ लिख कर आगे जाना था, लेकिन सभी को लगा कि यह काम मालिश वाला है। ऐसे में पढ़ाई छूट गई और सिर्फ हाउसवाइफ बन कर रह गई ।शादी के बाद अमृता पूरी तरह से अपने पति और परिवार वालों पर डिपेंड हो गई थी। आत्मविश्वास खो दिया था किसी चीज में अच्छी नहीं हूं ना लुक में ना पढ़ाई में ना जॉब करने लायक हूं।
2014 में फिर से लक्ष्य को साधने में जुटी अमृता
लेकिन अमृता ने हार नहीं मानी और अमृता का बेटा बड़ा होने लगा और पूछने लगा मां आप मेरे लिए कभी खिलौने क्यों नहीं लाती हो। आपकी कभी कोई फोटो क्यों नहीं लेता। यह छोटी-छोटी बातें दिल में तीर की तरह चूमने लगी थी। अमृता अपने बेटे की बात सुनकर हॉट होने लगी थी। इसके बाद उन्होंने खुद को समझना शुरू किया, लेकिन कहते हैं ना कि हर इंसान की जिंदगी में एक ना एक टर्निंग प्वाइंट जरूर आता है। ऐसा ही हुआ उनकी जिंदगी में उनका बेटा टर्निंग प्वाइंट की तरह ही था। इसके बाद अमृता दिन भर बच्चा संभालती और रात में पढ़ाई किया करती थी। 5 साल के गैप के बाद फिर से पढ़ना शुरू किया। 2014 में हॉस्पिटल मैनेजमेंट से एमबीए में एडमिशन ले लिया। इसके बाद उन्हें पहले सेमेस्टर में पास होने की उम्मीद नहीं थी लेकिन फाइनल सेमेस्टर में टॉप कर लिया।
लॉकडाउन में जब सारी चीजें बंद हो गई। उस समय अमृता ने मिस्टर इंडिया के ऑनलाइन ऑडिशन दिए दौरान क्लियर भी हो गए और फाइनल राउंड में उन्हें मिस्टर मिडिल ईस्ट एशिया का टाइटल भी मिला। n.r.i. सभी को मिलाकर लगभग 70 पार्टिसिपेंट्स है जिनमें 7 महिलाओं को चुना गया। इस सिलेक्शन से जिंदगी बदल गई अब मिस्टर यूनिवर्स कंटेंट से पूरे भारत को रिप्रेजेंट करने वाली है और अपने सपने को साकार जरूर करेंगे।