मध्यप्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में हुआ बड़ा बदलाव, अब डॉक्टर इस ड्रेस कोड में आयेंगे नजर, जानिए इसके फायदें

मध्य प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में गुरुवार को बड़ा बदलाव किया गया है। एक समय जहां भारत में स्वतंत्रता संग्राम में प्रभावी रही खादी अब मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में दिखाई देगी। दरअसल नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक पत्र लिखा है। जिसमें देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को सुझाव देते हुए कहा कि अस्पताल में उपयोग आने वाले बेडशीट और पर्दे तक खादी से तैयार करवाएं। यानी कि अब सभी डॉक्टर और स्टूडेंट खादी वर्दी में नजर आएंगे। यह फैसला तब लिया गया है जब मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीए कराया जा रहा है।

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Male doctor, close-up shot.

दरअसल एमबीए को हिंदी में कराए जाने की घोषणा के बाद अब मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में नया ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। खादी की वर्दी पहनने के काफी लाभ है, जहां एक और खादी ड्रेस सुविधाजनक है। वहीं मौसम के अनुरूप पहनने में काफी आरामदायक होगी। इस ड्रेस को पहनने से कई तरह के फायदे होंगे। अभी देखा जाता है कि डॉक्टरों को कई घंटों तक अपना ड्रेस कोड पहने रखना पड़ता है इस ड्रेस को पहनने से डॉक्टरों को असुविधा नहीं होगी।

खादी से मिलेंगे ये फायदें

इसके साथ ही इस ड्रेस कोड को लागू करने से खादी उद्योग बढ़ेगा और इसमें रोजगार भी बढ़ाया जाएगा, जोकि बेरोजगारों के लिए अच्छा है। इस पहल को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की तरफ से शुरू की गई है। इस ड्रेस कोड के लागू होने से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खादी उद्योग बढ़ेंगे। वहीं स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

जाने कहां होगा इसका उपयोग

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस खादी का उपयोग नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर, अस्पताल प्रबंधन में शामिल अन्य स्टाफ के कर्मचारियों के अलावा मरीजों के इस्तेमाल में आने वाले बेडशीट समेत सभी चीजों में खादी का उपयोग किया जाएगा। खादी से बने उत्पाद ना केवल स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होते हैं। डॉक्टरों को ड्यूटी के दौरान सफेद कोट पहनना अनिवार्य है इसलिए अब खादी से बने सफेद कोट का उपयोग किया जाएगा जिससे सर्दी में गर्माहट और गर्मी में ठंडक मिलेगी।

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