महज 11 की उम्र में मध्य प्रदेश के इंदौर की बेटी का कमाल सबसे कम उम्र में लिया यूनिवर्सिटी एडमिशन!

इंदौर : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर एक और अपनी स्वच्छता को लेकर पूरे देश में जाना जाता है। तो दूसरी और यहां प्रतिभाशाली युवाओं की भी कोई कमी नहीं है। शहर का नाम पहले भी कई युवाओं ने अपने हुनर के चलते गौरवान्वित किया है। तो वहीं एक बार फिर देवी अहिल्या की नगरी इंदौर की बेटी ने शहर के साथ-साथ सभी बेटियों का भी मान बढ़ाया है।

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आपने अक्सर सुना होगा प्रतिभा को खरीदा नहीं जा सकता ये तो भगवान दी हुए एक अनोखी शक्ति होती है। ऐसी ही प्रतिभा इंदौर में रहने वाली तनिष्का के पास है। जिन्होंने महज 11 साल की उम्र में 10वीं कक्षा पास कर ली और 12 साल की उम्र में 12वीं कक्षा। और अब वे 13 साल की हैं और उनका एडमिशन अब यूनिवर्सिटी में हो चुका है।

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

गौरतलब कि बात है कि तनिष्का का नाम 10वीं कक्षा पास करने के बाद इंडिया बुक ऑफ अवॉर्ड में दर्ज हो गया था। वहीं अब 12वीं पास करने के बाद एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका है।

आपकी जानकारी के लिए बात दें कि MP BOARD द्वारा 5वीं के बाद सीधे 10वीं कक्षा और इसके बाद बिना एक साल का अंतराल लिए 12वीं में प्रवेश का नियम नहीं है, जिसके लिए तनिष्का के माता पिता को काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आख़िर शिक्षा विभाग ने इसके लिए उन्हें विशेष रूप से इसके लिए अनुमति दी।

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वहीं इस बात ककी जानकारी देते हुए तनिष्का सुजीत ने न्यूज एजेंसी एनआई को बताया, “मैं अभी 13 साल की हूं, जब मैं पांचवी कक्षा में थी तब मेरे पेरेंट्स को लगा कि मुझमे कुछ क़ाबलियत है जिसके बाद उन्होंने 10वीं क्लास के सवाल देते हुए मेरे टेस्ट लिए जिसे मैंने पूरा किया. फिर 12 साल की उम्र में 12वीं की एग्जाम दिया था। अब मैं 13 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं. मैं आँख पर पट्टी बांधकर लिख और पढ़ सकती हूं, यूरोप में कत्थक भी कर चुकी हूं. मुझे पांचवीं से सीधे दसवीं कक्षा का एग्ज़ाम दिलवाने के लिए मेरी मम्मी कई बार भोपाल जाकर शासन से परमिशन के लिए चक्कर लगाती थी और मैं यहां पढ़ाई करती थी।

तनिष्का आगे कहती हैं कि “छठवीं के बाद सीधे 10वीं की एग्जाम देने वाली मैं मध्यप्रदेश में पहली लड़की हूं. वहीं 10वीं के बाद बिना एक साल की गैप के सीधे 12वीं करने वाली मैं भारत की पहली लड़की हूं। मेरा एडमिशन देवी अहिल्या विश्विद्यालय में हुआ है जिसकी पढ़ाई शुरू हो चुकी है, मुझे बड़े होकर जस्टिस बनना है।”

यूनिवर्सिटी का पहला मामला

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनिल शर्मा ने बताया, तनिष्का ने कम उम्र में 12वीं की परीक्षा पास की जिसके लिए शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग ने नियम शिथिल करते हुए अनुमति दी थी। हमने उन्हें बीए में उसे एडमिशन दिया और उसका परफॉर्मेंस भी कॉलेज में अच्छा है, ये पहला ही मामला है जिसमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने विशेष प्रावधान करते हुए एडमिशन दिया है.

Piyush Talesara

I am a Digital Marketer Graduate in B.Com. I am specializing in running advertisements and writing articles. I am working for two years as a Journalist at the daily madhya pradesh.

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