अगर घर में चाहिए बिजली तो कराना होगा रिचार्ज, मध्यप्रदेश के इन जिलों में लागू होगी यह स्कीम

भारत में लगातार डिजिटल सेवाएं बढ़ती जा रही है। इंटरनेट मोबाइल के बिना किसी भी काम को कर पाना संभव नहीं है। अभी तक देखा जाता है कि अगर आपको घर में टीवी देखना है तो उसके लिए रिचार्ज जरूरी है। मोबाइल में इंटरनेट यूज करना है तो डाटा जरूरी है। जब भी आप टीवी या मोबाइल के लिए रिचार्ज करवाते हैं तो उसके लिए समाप्त होने की वैधता भी साथ में दी जाती है। मान लीजिए यदि आपने 1 तारीख को रिचार्ज करवाया और आपको 28 दिन की वैधता दी गई है तो वहां 28 तारीख को खत्म हो जाएगा। इसके बाद आप इसका लाभ नहीं ले पाएंगे। मोबाइल चलाने के लिए डाटा और डीटीएच को चलाने के लिए भी आपको बैलेंस डलवाने की जरूरत होती है, लेकिन आगामी समय में आपको घर में अगर बिजली चाहिए तो उसके लिए भी रिचार्ज करवाने की आवश्यकता पड़ेगी।

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बिजली के लिए कराना होगा रिचार्ज

दरअसल आधुनिक दौर डिजिटल का है और डिजिटल जमाने में हर चीज डिजिटल तरीके से ही होगी। सरकार के द्वारा डिजिटल हर व्यक्ति को अपनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी बीच अब लोगों को घर में अगर बिजली चाहिए तो उसके लिए भी रिचार्ज करवाना होगा। बिजली विभाग के द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है अभी तक देखा जाता था कि लोगों को बिजली के लिए बिल भरना पड़ता है, लेकिन अगर वहां बिल नहीं भरता था तो उसके घर का कनेक्शन काट कर चले जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अगर वहां व्यक्ति रिचार्ज नहीं कर पाता है तो उसके घर की बिजली ऑटोमेटिक बंद हो जायेगी।

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा बिजली क्षेत्र में अब सुधार के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। बिजली कंपनियों की आर्थिक सेहत के लिए रिवेमपड डिसटीब्यूशन सेक्टर स्कीम लांच की है। मध्यप्रदेश में स्कीम को जल्द ही लागू किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन भी तय कर ली है। इसके तहत सभी शहरों में इस स्कीम को लागू करने की तैयारी की जा रही है। पहले इसे कुछ शहरों में लागू किया जाएगा अगर यहां सफल रही तो फिर सभी शहरों में लागू कर दिया जाएगा।

पहले इन 34 शहरों में लागू होगी ये स्कीम

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा सबसे पहले इससे 34 शहरों में लागू किया जाएगा। अमृत यानी अटल मिशन फॉर नेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन के तहत लागू किया जाना है। जिसमें सबसे पहले बड़े शहरों को शामिल किया गया है। इनमें इंदौर, ग्वालियर, राजधानी भोपाल और जबलपुर शामिल है। अगर यह स्कीम लागू की जाएगी तो उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा भी कई अन्य जिले शामिल है जिनमें भी इस योजना को लागू करने की कवायद की जा रही है। इनमें हरदा, भिंड, सीहोर, दमोह, नर्मदापुरम, छतरपुर, बुरहानपुर, मुरैना, गुना, मंदसौर, बैतूल ,छिंदवाड़ा, रीवा, सतना, कटनी और सागर ​शामिल है।

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स्मार्ट मीटर से अलग होंगे ये मीटर

बता दें कि अभी तक इंदौर समेत कई शहरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन हम बता दें कि जो अब सरकार के द्वारा आगामी समय में इस स्कीम को लागू किया जाएगा। इसमें स्मार्ट मीटर से प्रीपेड मीटर बहुत ही अलग होंगे। इस मीटर से आने वाले समय में बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। क्योंकि अभी तक देखा जाता है कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों को उपभोक्ताओं के घर मीटिंग रिटर्न लेने जाना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा कितनी बिजली खपत कर रहा है उसका हिसाब ऑनलाइन बिल जनरेट होने पर पता चल जाएगा।

वहीं प्रीपेड मीटर इस मामले में पूरी तरह अलग होंगे। उदाहरण के तौर पर 100, 200 या 300 यूनिट की खपत करता है तो उसे उसके हिसाब से रिचार्ज कराना होगा। वहीं इतनी यूनिट के बाद वहां बिजली का उपयोग नहीं कर पाएगा और उसकी सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाएगी।

इसलिए लागू की गई है स्कीम

आपकी जानकारी के लिए बता दें केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश में बिजली सुधार के लिए इस स्कीम को लागू किया गया है। बताया जा रहा है कि बिजली क्षेत्र में मध्य प्रदेश को सुधार करने पर बाजार से 14 करोड रुपए से अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति कोविड-19 में दी थी। इसके बाद केंद्र द्वारा तय किए गए मापदंडों के हिसाब से बिजली में सुधार किया जाना है। इसके साथ बिजली सब्सिडी की राशि उनके खाते में किसानों द्वारा पहले बिजली कंपनी को जमा करने के नियम भी स्थिति में थे, लेकिन अभी इसे मध्य प्रदेश के 2 जिलों में लागू किया गया है जिनमें विदिशा और सिवनी शामिल है।